"पर्दा तो सिर्फ आँखों का है ,
मन के आगे बेपर्दा हैं सब !!"
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वो नगमा मचलता तो है अंतर में मेरे ,
पर गड्डमगड्ड हैं बहरूपिये शब्द मेरे ,
शक्ल कोई उभरती ही नहीं !!"
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"वो इक बार भी न बोले मुझसे ,
और जुबान में मेरे छाले पड़े हैं !
कमबख्त नादानियाँ मेरी ,
जला डाला दिल उनका !!"
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"हालात ने सिखा दिया मुझे खामोशियों का राज़ ,
अब बेवजह , बेवक्त , कुछ मैं बोलता नहीं !!"
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"काश हम भी कोई जंग हारे होते ,
होती अपनी भी प्यार की दास्ताँ यार !!"
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"वो नगमा , हर रोज़ , नया गाते हैं ,
और मेरे हाथों में साजे दिल बजे हर रोज़ !!"
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"जम में खनक है , ख्याल बजने सी ,
जल तरंग की जगह , मय तरंग बज रही है आज !!"
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"वो मोती चमड़ी उगा लाये आज ,
तंज फिकरे नाकाम हो रहे आज !!"
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"नाकामियों से घबरा गये क्यों तुम ,
ये कायनात खुदा की नाकामी ही तो है !!"
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"जहां में सब देते भी हैं और लेते भी हैं कुछ ,
हर शै जब खुश है तो दुखी क्यों तू !!"
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"वो आये और मुस्कुराए दरवाज़े की ओट ,
मैं दीवाना हुआ बस मुस्कुराता ही रहा , समझा न प्यार !!"
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"उनकी आँखों में जन्नत भी थी , दोज़ख भी ,
मैंने दोज़ख झेला उनकी ज़न्नत के लिए !!"
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"सब्ज़ थे उनके ख्वाब ,
छोड़ आया मैं शबे माह उनके लिए !!"
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"नाखुदा को भी खुदा कह दूं इक बार ,
कश्ती तो लगे किनारे इक बार !!"
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"बहके बहके से ख्याल ,
बहके बहके अरमान ,
अब तो खुदा ही करे खैर ,
दीवाना होके दिल पहलू से गया !!"
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जो ना बोले तुम तो शुक्रिया ,
पर हैराँ हम भी हैं मेहरबानी पे तेरी !!"
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"मुद्दा ये नहीं , अकेले हैं हम ,
पर साथ गम भी नहीं , दिल भी अकेले में है !!"
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"जिक्र करना भी गवारा नहीं अब उनको ,
बेशर्म मेहमान हम , इस कदर उनके दिल के हुए !!"
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"जन्म से आँधियों के हैं शुक्रगुज़ार हम ,
तूफ़ान तेरी नादानियों के ,
झेल जाते हैं चिराग़ मेरे अब !!"
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"समस्या कभी कोई थी ही नहीं ,
दिल तेरे पास ना था , जुनूँ मेरे पास ना था !!"
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"पी के उलट गये वो कई बार , आदतन ,
अब उलट के पी गये कई बार , बेगैरतन !!"
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"तेरी खामोश निगाहों में तिर आये हैं प्रश्न नए ,
मेरी आँखें अब ढूंढ रही हैं , कोने नए , छुपने के लिए !!"
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"जब आशाओं पे बादल काले घिर आये हों , तो एक कदम ,
बस एक कदम है बारिश और बादल छट जायेंगे !!"
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"शैशव से आँखें ना होती तो था दोष ,
अब मन ही ना देखे तो मूरख बोल अँधा तो ना बोल !!"
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"हुस्न की होलियाँ हुई हजारों बार , मन प्रहलाद सा बच निकला हर बार !!"
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"रंग सब बिक गये होलियों में , मासूमियत के सिवा ,
मेरा बचपन अभी भी हर रंग पे छा जाता है !!"
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"जादू हुआ ना गुलाम मेरा ,
तेरा जादू अभी भी सर चढ़ के बोलता है ज़मानें में !!"
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"आजू बाजू किनारे खुशियों के ,
और बहता गम का , बीच में दरिया ,
दरिया को बहने दे ,और थाम किनारे ले !!"
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"मेरी बाहों में पिघलते हुए आना ,
मैं तुम्हें मन के खुदा सा तामीर करूंगा !!"
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"तेरी बाहों का झूला सिर्फ एक है जग में ,
आने दे पनाहों में जी भर के मुझे !!"
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"मैंने सोचा झूम गया अम्बर ,
रुका तो देखा , धरती ने अंगडाई ली थी !!"
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"इंतज़ार , सिर्फ मेरा , सिर्फ मेरा , रहा तुमको ,
दीवारों ने रो रो , तेरी खुश्कत में , मेरा नाम , उभरा था !!"
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"ख़त्म हुए सब रास्ते , मंजिल के बाद बचा क्या ?
जन्म से तय थे सब रास्ते , मौत के बाद बचा क्या ?"
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"इक भी पैगाम मेरे नाम ना आया ,
डाकिया निकलता है , रूठा हुआ सा !!"
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"सारे जीवन की कविताई उतर आई ,
समझा जिस दिन से निस्सार जीवन को !!"
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"छोड़ेगा किनारा जब दरिया बन निकलोगे ,
ऐसे तो तालाब सा बंधे रहो तुम !!"
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"ऐसे चलो जग में , जैसे अकेले हो तुम ,
इक सैलाब सा साथ हो लेगा तुम्हारे !!"
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हर निर्णय तुम्हारा है , और भोगोगे तुम ही ,
अब कांटे उगाओ या फूल चमन में !!"
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"तेरे बोये कांटे भी काट ही लूँगा ,
पर फूल उगने का , वक्त निकल जाएगा कुछ !!"
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"वक्त से पहले तुम खोज लो कुष्ठ ,
अंग भंग होने से तभी बच पाओगे !!"
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"तब ही बोलो या तभी , वक्त के मायने बदलेंगे क्या ?
करो अब ही या अभी , कर्म के मायने बदलेंगे क्या ?"
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"चले आओ चमन तेरा है मेरा भी ,
यूँ अजनबी बन कब तक रहेंगे दूर !!"
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वो बुन रहे हैं मुझे स्वेटर की तरह ,
कभी दो फंदे छोड़ देते हैं , कभी उठा देते हैं ,
आधा अधूरा स्वेटर , पूरा होता ही नहीं ,
कहते हैं माँ ने बोर्डर में घर ही गलत उठाये हैं ,
और बुनती , भी टेढ़ी लगा रक्खी है !!"
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"छू गया मन , अल्हड़पन बादल का ,
पल में शक्ल बदल गया घन ,
पकड़ ना पाया इक टुकड़ा भी ,
रहा देखता सकल गगन !!"
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मेरा थक के चूर होना विधाता को पसंद आता नहीं ,
खाली देख , उलझनें फेंकता मेरे आगे सुलझाने के लिए !!
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