Sunday, 18 March 2012


"सिर्फ  इक  गली  बाकी  है  , जहाँ  मेरा  जाना  ना  हुआ   ,
अब  उसमे  जाते  हुए  डरता  हूँ  , क्या  होगा  अगर  यार  , यहाँ  भी  ना  हुआ   !!"
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"खुला  छोड़  आसमान  , अभी  तारे  गिनने  हैं  मुझे  ,
चाँद  से  बतियाना  है  , इन्द्रधनुष  चुनने  हैं  मुझे  !!"
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"तुम  हसीं  , तो  दुश्मन  मेरे  ,
जगाते  हो  नींदों  में  मेरी  !!"
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"इस  शहर  में  खाली  दुकान  ,खाली  मकान  कोई  नहीं  ,
सब  ओर  शोर  बस  गया  , तन्हायिआँ  गयीं  !!"
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"खुदा  के  वास्ते  खुदा  से  कह  ,
तेरा  यार  खड़ा  है  दर  पे  तेरे  ,
मरने  के  लिए  , तेरे  नखरे  उठाने  के  लिए  !!"
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"दिन  के  उजाले  में  भी  डर  लगता  है  अब  ,
रातों  ने  करीब  आने  ना  दिया  यार  !"
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"समंदर  , मेरा  ना  हुआ   ! पर्वत  मेरा  ना  हुआ   !
कायनात  में  कुछ  भी  , दिल  से  मेरा  ना  हुआ  !
मैं  तड़प  के  हर  ख़ुदा  के  घर  सर  नवा  आया  ,
सब  कहते  हैं  , तेरा  यार  है  रूठा  हुआ  !!"
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"जला  के  मेरा  दमन  वो  ,
अब  यारी  का  दम  भरते  हैं  !!"
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जला  भी  ले  दिल  के  चिरागों  को  अब  ,
वक्त  तेरे  दिल  में  मेरे  आने  का  हुआ  !!"
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"मैं  आकाश  में  लिख  आई  , हवाओं  से  तेरा  नाम  ,
अब  सारी  कायनात  की  साँसों  में  तू  ही  तू  बसता  है  !!"
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"किनारे  भी  बहे  , दरिया  भी  बहे  , कश्ती  भी  बही  धारे  में  ,
दिल  से  उबल  आये  जो  नाले  , मांझी  भी  बहे  , सहारे  में  !!"

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