हम चले उल्टा , वो ज़माने साथ ,
सामना हर बार हुआ , मंजिल के पास !!
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गुज़र उसका भी हुआ और मेरा भी ,
निबाह दोनों ने लिया , फनकारी के साथ !!
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हद से बढ़ जाए न ख़ुमारी ,
इसलिए पीता हूँ तेरे अश्कों को , शबनम के साथ !!
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खुश होता है जहर खाके कोई , मालूम है ,
मरता है शहद खाके कोई , मालूम है ,
पर जो न मालूम था , मालूम आज हो ही गया ,
गम खा के दिलजला , अमर हो ही गया !!
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हंस के देख चंद रोज़ ,
रो के भी देख चंद रोज़ ,
जी के भी देख चंद रोज़ ,
मर के भी देख चंद रोज़ ,
लुत्फ़ क्या है , मुख्तलिफ हालातों में जीने का ,
जाम पी के देख चंद रोज़ ,
कभी गिरा के भी देख चंद रोज़ !!
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