रोज़ जिंदगी सुप्रभात कहके जगाती मुझे ,
और मैं बीते दिन के गिले शिकवे ले , झगड़ पड़ता हूँ उससे !!"
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"तेरी दी दौलतें ख़त्म न होतीं मरने तक ,
साथ ले नहीं जा सकता , दुःख रहता है मुझे !!"
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"जिंदगी को कभी खुद पे चुटकुला मान के चल ,
पसंद करेगा तो मज़ा ले हँसता रहेगा ,
चिढेगा तो जिंदगी ऐसे रोज़ और कई सुनाएगी चुटकुले !!"
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"दम रख ज़माने में ,
हर कदम करतार नाचते देखना चाहता है तुझे ,
शोले की बसंती की तरह , यार के लिए !!"
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