Saturday, 17 March 2012


रोज़  जिंदगी  सुप्रभात  कहके  जगाती  मुझे  ,
और  मैं  बीते  दिन  के  गिले  शिकवे  ले  , झगड़  पड़ता  हूँ  उससे  !!"
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"तेरी  दी  दौलतें  ख़त्म  न  होतीं  मरने  तक  ,
साथ  ले  नहीं  जा  सकता  , दुःख  रहता  है  मुझे  !!"
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"जिंदगी  को  कभी  खुद  पे  चुटकुला  मान  के  चल  ,
पसंद  करेगा  तो  मज़ा  ले  हँसता  रहेगा  ,
चिढेगा  तो  जिंदगी  ऐसे  रोज़  और  कई  सुनाएगी  चुटकुले  !!"
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"दम  रख  ज़माने  में  ,
हर  कदम  करतार  नाचते  देखना  चाहता  है  तुझे  ,
शोले  की  बसंती  की  तरह  , यार  के  लिए  !!"

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