जय पलासणियां
Friday, 16 August 2013
सैय्याद ने पर काट लिए इसका किसे गम ?
हमको तो महज़ देखना है , किसके लिए मरे हम ?
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment