चूम लूं अधरों को , अये वीणा , भुजंग सम ,
पर मालूम है मुझको तेरे सपेरे की मंशा ,
मुझे गर्व है सच में , अपनी चतुराई पर ,
पर छल बल में छलिया , तेरा लेगा सहारा !!
पर मालूम है मुझको तेरे सपेरे की मंशा ,
मुझे गर्व है सच में , अपनी चतुराई पर ,
पर छल बल में छलिया , तेरा लेगा सहारा !!
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