Monday, 12 August 2013

ढूंढते  रहे , जीवन  भर  संकल्प  कोए  ,
बिना  साधन  भूख  , हिवड़े में  संजोये  ,
बीनते  रहे  कूड़ा  कर्कट  सड़क  से ,
और  झिड़कियों  का  दर्द  नयनों  को  भिगोये ,
नंगे  पैरों   में न कांटे , न  तपती  रेत ,
जलन  कोई  दे  गया  तो  , बस इंसानी  भेद !!

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