दबते हैं जो , बहुत शोर करते हैं ,
पर तुम्हारे कान , पैरों से बहुत दूर होते हैं ,
सम्वेदना हो , पाँव में तेरे तो ,
चीत्कार , धमनियों से , दिल तक आते हैं !!
पर तुम्हारे कान , पैरों से बहुत दूर होते हैं ,
सम्वेदना हो , पाँव में तेरे तो ,
चीत्कार , धमनियों से , दिल तक आते हैं !!
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