प्राणाधार पवन , कब आंधी हो जाए , न मालूम ,
औ , ह्रदय कंपाती आंधी , कब सृजन कराये , न मालूम ,
और न मालूम प्रलय कब , स्रष्टा बन जाए ,
तो छोड़ सभी पूर्वाग्रह , कब भाग्य पलट जाए , न मालूम !!
औ , ह्रदय कंपाती आंधी , कब सृजन कराये , न मालूम ,
और न मालूम प्रलय कब , स्रष्टा बन जाए ,
तो छोड़ सभी पूर्वाग्रह , कब भाग्य पलट जाए , न मालूम !!
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