सिरहाने , ज़रा पैताने से भी मिल लेना दोस्त ,
है सच , तू मुंहलग है मालिक का , पर न भूल ,
तू भी उसी बान से बुना है , उसी डंडे से धुना है ,
उन्ही पावों पे है नींव तेरी , जिसे मालिक ने चुना है !!
है सच , तू मुंहलग है मालिक का , पर न भूल ,
तू भी उसी बान से बुना है , उसी डंडे से धुना है ,
उन्ही पावों पे है नींव तेरी , जिसे मालिक ने चुना है !!
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