Sunday, 12 May 2013

हैराँ  हूँ  कि , माँ  का  का  भी  दिन , हो  गया  तय ,
कहाँ  समझता  था  , ममतामय  है  जगत , मैं जय !
रही  होगी  कोई  मजबूरी  ,  कि  याद  करलें  हम ,
वर्ना  माँ  तो  सब  में  बसी  , जैसे ह्रदय में  लय !!

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