Wednesday, 8 May 2013

शमशान  की  मिटटी  से , जो  डरते  है  लोग ,
जाने  कैसे , इस  नश्वर जग  में ,
कुछ , कर  जानें  का  दम , भरते  हैं  लोग !!
हर  क्षण  मिटता  है  , कोई  जीवन  यहाँ ,
फिर  क्यों  ,  घर  में  ,  घट  में ,
धन  ,  पाप  ,  घृणा ,  संजोते  हैं  लोग  !!

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