Thursday, 16 May 2013

चुभता  हूँ  इसलिए  कि  , तेज़  भी  हूँ  और  सख्त  भी ,
हर  किसी  की  किस्मत  में  कहाँ ,  काँटा   बनना  ,  और ,
किसी  और  के  हित ,  किसी  और  को , गलती  का  एहसास  दिलाना ,
और  बनना ,  बुरा ,  दुनियाँ  की  आँखों  में  , सदा  के  लिए !!

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