चुभता हूँ इसलिए कि , तेज़ भी हूँ और सख्त भी ,
हर किसी की किस्मत में कहाँ , काँटा बनना , और ,
किसी और के हित , किसी और को , गलती का एहसास दिलाना ,
और बनना , बुरा , दुनियाँ की आँखों में , सदा के लिए !!
हर किसी की किस्मत में कहाँ , काँटा बनना , और ,
किसी और के हित , किसी और को , गलती का एहसास दिलाना ,
और बनना , बुरा , दुनियाँ की आँखों में , सदा के लिए !!
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