तेरी ज़ुल्फ़ के घने साए से गुज़रा , तो , याद आया ,
ये ठंडक , ये सुखचैन कहीं और भी देखा है ,
कहीं और भी देखा है , सहलाता हुआ अहसास ,
इक माँ जाई बहन , इक दुलराती माँ को , पास से देखा है !!
ये ठंडक , ये सुखचैन कहीं और भी देखा है ,
कहीं और भी देखा है , सहलाता हुआ अहसास ,
इक माँ जाई बहन , इक दुलराती माँ को , पास से देखा है !!
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