किसी के ख़ैर मक़दम का जुनूँ , महंगा पड़ा उसे ,
अपनी ही जात के पैरों तले , कुचला गया वो ,
उसने तो समझा था , समा जाना , आँखों में पैरोकार के ,
पर सब अंधे थे जुनूँ में , आँखों की जगह , पैरों में समा गया वो !!
अपनी ही जात के पैरों तले , कुचला गया वो ,
उसने तो समझा था , समा जाना , आँखों में पैरोकार के ,
पर सब अंधे थे जुनूँ में , आँखों की जगह , पैरों में समा गया वो !!
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