Friday, 15 February 2013

बिखर गयी हाला , सिन्दूरी सिन्दूरी  , छलक गये समंदर भर जाम ,
पगलाई सी धरती ने , पर्वत और  घाटी में औटाये , फूलों के  रंग तमाम !!

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