चौराहों पे खड़े दुविधा में , ऐसे भी हैं कुछ दीवाने ,
रस्ते चुने जो मजबूरी में , अपनी पसंद के अभाव में !
राम ही की सेना में , जब भरने लगें राक्षस अविराम ,
हर चेहरा लगे जब रावण सा , क्या कर लेगा जग में इक राम!!
रस्ते चुने जो मजबूरी में , अपनी पसंद के अभाव में !
राम ही की सेना में , जब भरने लगें राक्षस अविराम ,
हर चेहरा लगे जब रावण सा , क्या कर लेगा जग में इक राम!!
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