हे री मन कब था मेरा ,जो, अब होगा ,
घूमता घर बाहर चहुँ ओर , बन चोर ,
अभी चाँद पर अब , सागर में ,
अब बन हवा , बादल ओढ़े घनघोर ,
गिरा बिजलियाँ छू मंतर बन ,
पल में भागे , सजनी आगे , बन मोर ,
हे री मन कब था मेरा , जो अब होगा ,
घूमता घर बाहर चहूँ ओर , बन चोर !!
घूमता घर बाहर चहुँ ओर , बन चोर ,
अभी चाँद पर अब , सागर में ,
अब बन हवा , बादल ओढ़े घनघोर ,
गिरा बिजलियाँ छू मंतर बन ,
पल में भागे , सजनी आगे , बन मोर ,
हे री मन कब था मेरा , जो अब होगा ,
घूमता घर बाहर चहूँ ओर , बन चोर !!