"उनसे हमें थी झूमते आस्मां की उम्मीद ,
पल में गिरा ज़मीं पे हमें दिया !!"
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"ग़ज़ल के रंग दिल
में , और दिल में ग़ज़ल तू ,
तेरी तस्वीर का रुख ,मेरी तरफ हो और
तू हो तकदीर मेरी ,
ऐसा वक्त आये तो क्या ? क्या ग़ज़ल फिर होगी खुदा
!!"
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"नक़ल के भाव बढ़े इतने , के असल सस्ती लगे अब ,
अब असल को असल कहते हुए डर लगता है !!"
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चला जा थोड़ी देर को तू , रंगे महफ़िल से ऐ खुदा ,
महफ़िल को भी तो एहसास हो , खुदा होता है क्या !!"
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चुभने लगे फिर प्यार के आंसू ,
इन अश्को को भी मालूम है ,
कितना नरम दिल हूँ मैं !!"
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दिल के आईने में धुंध सी है ,
मेरे हुज़ूर और मैं ,
बदल बदल दिखते हैं !!
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"किसके हिस्से में कौन आया , न बता ,
मैं तेरे हिस्से में हूँ के नहीं , ये बता , काफी है !!"