Saturday, 5 May 2012


"उनसे  हमें  थी  झूमते  आस्मां  की  उम्मीद  ,
पल  में  गिरा  ज़मीं  पे  हमें  दिया !!"
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"ग़ज़ल  के  रंग  दिल  में  , और  दिल  में  ग़ज़ल  तू ,
तेरी  तस्वीर  का  रुख  ,मेरी  तरफ  हो  और  तू  हो  तकदीर  मेरी  ,
ऐसा  वक्त  आये  तो  क्या  ? क्या  ग़ज़ल  फिर  होगी  खुदा  !!"
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"नक़ल  के  भाव  बढ़े  इतने  , के  असल  सस्ती  लगे  अब  ,
अब  असल  को  असल  कहते  हुए  डर  लगता  है  !!"
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चला  जा  थोड़ी  देर  को  तू  , रंगे  महफ़िल  से  ऐ  खुदा  ,
महफ़िल  को  भी  तो  एहसास  हो  , खुदा  होता  है  क्या  !!"
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चुभने  लगे  फिर  प्यार  के  आंसू  ,
इन  अश्को  को  भी  मालूम  है  ,
कितना  नरम  दिल  हूँ  मैं  !!"
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दिल  के  आईने  में  धुंध  सी  है  ,
मेरे  हुज़ूर  और  मैं  ,
बदल  बदल  दिखते  हैं  !!
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"किसके  हिस्से  में  कौन  आया , न  बता  ,
मैं  तेरे  हिस्से  में  हूँ  के  नहीं  , ये  बता  , काफी  है  !!"